tag:blogger.com,1999:blog-7248048124861057294.post8992573584030818534..comments2023-05-12T16:11:08.057+05:30Comments on स्वसंवाद: हर शाम मेरा ठिकाना बदलता हैविकास परिहारhttp://www.blogger.com/profile/07464951480879374842noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-7248048124861057294.post-29649688663819038692008-03-16T22:40:00.000+05:302008-03-16T22:40:00.000+05:30बहुत बढिया!!सुन्दर रचना है।मुसाफिर हूँ मैं मेरा ठि...बहुत बढिया!!सुन्दर रचना है।<BR/><BR/>मुसाफिर हूँ मैं मेरा ठिकाना न पूछ,<BR/>हर शाम मेरा ठिकाना बदलता हैपरमजीत सिहँ बालीhttps://www.blogger.com/profile/01811121663402170102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7248048124861057294.post-1048549079869858292008-03-16T11:46:00.000+05:302008-03-16T11:46:00.000+05:30मुसाफिर हूँ मैं मेरा ठिकाना न पूछ,हर शाम मेरा ठिका...मुसाफिर हूँ मैं मेरा ठिकाना न पूछ,<BR/>हर शाम मेरा ठिकाना बदलता है<BR/>अच्छा लगा पढ़कर !रवीन्द्र प्रभातhttps://www.blogger.com/profile/11471859655099784046noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7248048124861057294.post-26395194380002834572008-03-16T09:00:00.000+05:302008-03-16T09:00:00.000+05:30तुम्हें क्या मालूम अहमियत भूख की,एक रोटी के लिए तव...तुम्हें क्या मालूम अहमियत भूख की,<BR/>एक रोटी के लिए तवा घंटों जलता है<BR/>bahut gehri baat bahut khubAnonymousnoreply@blogger.com