Thursday, October 11, 2007

समय के पाट

कोल्हू के पाटों के बीच जिस तरह फंस,
कर निकल जाता है गन्ने का रस,
बस
उसी तरह समय के पाट भी चूस
लेते हैं आदमी का जूस,
और निचोड़ लेते है,
उसकी नस-नस।

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© Vikas Parihar | vikas