सबसे पहले तो मैं आप लोगों का इन महाशय से आप लोगों का परिचय करा दूं। दर-असल ये एक बहुत ही शांत, सौम्य, एवं शालीन व्यक्तित्व के धनी हैं। बाल-ब्रम्हचारी हैं। अरे आप लोग गलत मत समझिये इनके बाल ब्रम्हचारी नहीं हैं, बल्कि इन्होने अपनी बाल्यावस्था में ही ब्रम्हचर्य का व्रत धारण कर लिया था। अब ये सारी मोह माया त्याग कर सन्यासी हो गये हैं और सारे दिन बस अपनी साधना में लीन रहते हैं।
इनका एक सेवक है जिसे ये “चेले” कह कर संबोधित करते हैं। उनका यह सेवक दिनभर उनकी सेवा करता है और जब स्वामी जी कहते हैं तो उन्हे देश दुनिया का हाल बता देता है।
(अभी इन स्वामी जी का इतना ही परिचय है आप लोगों के द्वारा पूछे जाने अन्यथा समय-समय पर पर इनके परिचय में और कङियां जुङती जायेंगी)
Friday, September 14, 2007
चिट्ठानंद का परिचय
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1 comment:
स्वामी चिट्ठानन्द जी की जय.
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