याद तेरी हमको सारी उम्र तड़पाती रही।
गीत तेरे सांस मेरी हर घड़ी गाती रही।
साहिलों पर बैथ कर बस हम तो यह देखा किये,
इक लहर आती रही और इक लहर जाती रही।
नाम से फिर मौत के क्या तुम डराओगे उन्हें,
ज़िंदगी क्या है जिन्हें यह मौत सिखलाती रही।
हमने तो उससे कभी भी कुछ कहा न कुछ सुना,
फिर न जाने किसलिये वो हमसे कतराती रही।
इक तो पहले से ही था यह दिल मेरा टूटा हुआ,
उस पर उसकी बेवफाई कहर बरपाती रही।
Friday, September 28, 2007
तेरी याद
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