Thursday, October 4, 2007

जीत किसकी-2

दृश्य-2
(तीन-चार लोग शहरी वेश-भूषा में स्टेज के एक हिस्से में इधर-उधरदेखते हैं जैसे कुछ मुआयना कर रहे हों। बीच-बीच मे अपने हांथों से मिट्टी को उठा कर देखते हैं और आपस में बातें करते जाते हैं)

मि.सिंघानिया: मि.मित्तल यह मेरा अभी तक का सबसे महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है।
मि.मित्तल: O! Really? इस प्रोजेक्ट में ऐसी कौन सी खास बात है?
मि.सिंघानिया: अरे कोई एक बात हो तो बताऊँ। पता है यह एक प्रोजेक्ट मुझे मेरे बाकी के प्रोजेक्टस से कहीं ज़्यादा प्रोडक्शन देगा।
मि.मित्तल: How come मि.सिंघानिया?
मि.सिंघानिया: Actually तुमने यहाँ की मिट्टी पर ध्यान नहीं दिया। अव्वल दर्जे की मिट्टी है यह। कौड़ियों के इंवेस्ट्मेंट के बाद यह जमीन सोना उगलेगी सोना।
मि.मित्तल: पर मैने तो सुना है कि यहाँ इस ज़मीन में फसल ही नहीं होती?
मि.सिंघानिया: सही सुना है तुमने। पर इसके पीछे भी एक बहुत बड़ा कारण है।
मि.मित्तल: वो क्या?
मि.सिंघानिया: वो यह कि यहां के लोगों के पास न तो पैसा है और न ही साधन। यह लोग खेती के लिये मौसम पर निर्भर रहते हैं।और आज-कल जब मौसम का अपना कुछ अता-पता नहीं है तो इस पर निर्भर रहने वाली इस खेती से क्या उम्मीद की जा सकती है। बस एक बार यह ज़मीन मेरे हांथ में आ जाए फिर देखना।
मि.मित्तल: Hmmm...That's right. पर यहां के लोग अपनी ज़मीन देंगे भी?
मि.सिंघानिया: देंगे मि.मित्तल ज़रूर देंगे। सिंघानिया की नज़र एक बार जिस चीज़ पर पड़ जाए उस चीज़ को वह हासिल कर के ही मानता है। फिर उस के लिए कुछ भी क्यों न करना पड़े।
मि.मित्तल: वो तो मैं जानता हूं सिंघनिया साहब. ये मैं पिछले दस सालों से देख रहा हूं। पर फिर भी इन लोगों से इनकी ज़मीन लेना इतना असान नहीं होगा।
मि.सिंघानिया: अरे आसान क्य होता है मित्तल साहब। वो अपने लक्ष्मीनगर वाले प्रोजेक्ट का तो आपको याद ही होगा। जहाँ बस्ती वाले बस्ती खाली नहीं कर रहे थे। एक रात में ही सब खाली हो गया था न।
मि.मित्तल: अरे वो तो आपने वहां पर आग लगवा दी थी। पर पूरे सौ परिवार जल गए थे उसमें।
मि.सिंघानिया: तो क्या हुआ वैसे भी ऐसे लोग जीने के हक़दार नहीं होते। वैसे भी एक तरीके से देखा जाए तो उन सब को इस मृत्यु लोक से मुक्ति मिल गई। मेरे लक्ष्मीनगर के हवन में सब स्वाहा हो कर अब स्वर्ग मे मौज कर रहे होंगे।
मि.मित्तल: वो तो है पर एक बात कहूंगा कि मैने अपनी ज़िन्दगी में बहुत सारे उद्योगपति देखे हैं पर आप जैसा नहीं देखा।
मि.सिंघानिया: इसीलिए सिंघानिया को दुनिया के चुनिन्दा उद्योगपतियों में गिना जाता है।

(इसी तरह बातें करते करते वे लोग मंच के बाहर चले जाते हैं)

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© Vikas Parihar | vikas