Monday, October 1, 2007

राजनीति

राजनीति शास्त्र के पेपर में,
एक प्रश्न आया।
जिसमें था प्रश्नकर्ता ने फरमाया।
बताओ राजनीति क्या बला है?
यह विज्ञान है या कला है?
चूंकि हम इस विषय का नाम सुनकर,
भाग जाते थे।
सपने में भी यह विषय आए तो नींद से,
जाग जाते थे।
और क्योंकि यह विषय हमे बिल्कुल,
नहीं भाता था।
इसीलिये हमें,
इस प्रश्न का उत्तर भी नहीं आता था।
फिर भी हमने थोड़ा कॉमनसेंस लगाया।
जो था बोलकुल नॉंनसेंस लगाया।
और लिखा:-
यह विज्ञान और कला दोनो का इल्म है।
जो एक्शन और कॉमेडी से भरपूर है,
वह फिल्म है।
विज्ञान इसीलिए कि इसमें जनता पर,
एक्सपेरीमेंट किए जाते हैं।
साम,दाम,दण्ड और भेद की नीति से,
उनके वोट लिए जाते हैं।
जो जनता के सेवक बनते हैं,
वो ही उनकी खाल नोंच-नोंच कर खाते हैं।
हर तरह के काण्ड करते हैं,
फिर भी बार-बार चुने जाते हैं।
इसी के ज़रिए इन्होंने देश को बार-बार
छला है।
इसीलिए यह हर कला से बड़ी कला है।

1 comment:

Udan Tashtari said...

बहुत बढ़िया.

शायद जल्दीबाजी में वर्तनी की त्रुटियाँ रह गई हैं, एक बार उन्हें देख लेना.

भर्पूर=भरपूर

बोलकुल=बिल्कुल

आदि. कृप्या अन्यथा न लें.

© Vikas Parihar | vikas