Thursday, October 25, 2007

तेरी इस दुनिया में भगवन

तेरी इस दुनिय में भग्वन इंसान की हालत खस्ता है।
इंसानो की हालत देख कर आज इंसान ही हंसता है।

आज यह इतना आम है कि कोई भी लगा ले मोल इसका,
अर्थ की इस दुनिया में दाम इंसान का इतना सस्ता है।

मैने देखा एक रास्ते पर न कोई अब जाता है,
कांटों से जो भरा हुआ है सच्चाई का रस्ता है।

आज मुझे दे कर के यहां गया अभी एक भेंट कोई,
खोल कर देखा तो पाया वो कांटों का गुलदस्ता है।

औरों की मदद को जुगत लगाई जिसने भी इस दुनिया में,
मैने देखा इस कीचड़ में वो खुद आकर फंसता है।

गर तेरा वज़ूद है सच्चा, मैं आह्वाहन तेरा करता हूं,
फिर से ला दे राम राज्य जो तू दुनिया में बसता है।

4 comments:

Sanjay Gulati Musafir said...

जिस राह पर मैं चल दिया
आसां नहीं थी मगर
कोई मुश्किल भी नहीं आई
इक इरादा कर लेने के बाद

साधुवाद
संजय गुलाटी मुसाफिर

आलोक said...

आज मुझे दे कर के यहां गया अभी एक भेंट कोई,
खोल कर देखा तो पाया वो कांटों का गुलदस्ता है।


चलिए कम से कम लिफ़ाफ़ा तो फिर काम आएगा।

आलोक

Udan Tashtari said...

गर तेरा वज़ूद है सच्चा, मैं आह्वाहन तेरा करता हूं,
फिर से ला दे राम राज्य जो तू दुनिया में बसता है।


--आमीन!!!

Divine India said...

शानदार चिंतन है भाई लिखते रहो।

© Vikas Parihar | vikas