Saturday, November 3, 2007

.......... बोल गई

एक दिन हमारी कक्षा में एक लड़की आई।
उसे देख कर दिल में प्यार की घंटी टनटनाई
तो मैने निश्चय किया,
अब तो जीना है या मरना है।
लेकिन उससे अपने,
प्यार का इज़हार ज़रूर करना है।
तभी मुझे एक विज्ञापन याद आया।
जिसमें था रवीना ने गाया।
लिखते-लिखते लव हो जाए।
तो मैने सोचा हो सकता है,
इस पेन से मेरी किस्मत जग जाए।
तो मैं भागा और वह पेन खरीद कर लाया।
फिर उसे पूरे दिलोजान से सजाया।
और मौका देख कर वह पेन,
उसके बैग में घुसाया।
वह आई, जैसे ही पेन निकालना चाहा,
हाँथों मे मेरा ही पेन आया।
जैसे ही उसने शुरु की लिखाई,
मेरा मन हर्षाया।
लिखकर दो लाईनें उसने मुझे देखा,
और मंद-मंद मुस्काया।
उसे हंसता देख मुझे
हँसी तो फँसी वाला फंडा याद आया।
पीरियड खत्म हुआ वह एक बार फिर मुस्काई।
फिर धीरे-धीरे चलकर मेरे पास आई।
उसे आता देख सर से पाँव तक पसीने छूट गए।
मन में हज़ारों-लाखों लड्डू फूट गए।
उसने आकर कहा यह पेन आपने दिया?
मैने कह हाँ आपको गिफ्ट किया।
उसने फिर कुछ सोचा और बोली,
यू लव मी,डू यू?
मेरे कुछ बोलने से पहले उसने कहा,
आई लव यू टू।
और पेन के लिए भैया व्हेरी-व्हेरी थैंक यू।
उस दिन दिल पर ऐसी गाज़ गिरी कि मेरी
आत्मा डोल गई।
लड़की गई सो गई मगर जाते-जाते
भैया बोल गई।

2 comments:

बालकिशन said...

हमे आपसे सुहान्भुती है. आगे से ध्यान रहे और थोडी सावधानी बरतें.

Anonymous said...

I have not been able to translate English to your page.

Greetings
01

© Vikas Parihar | vikas