नज़र उठाई धरा पर जिसने आँख फोड़ कर आयेंगे|
गर दुश्मन ने हाँथ उठाया खून की नदी बहाएंगे |
दिल में एक तूफ़ान छिपा है सीना है फौलादी|
हमको अपनी जान से प्यारी है अपनी आज़ादी|
भारत की सेना के हम जवान, हिन्दोस्तान की हम हैं शान|
टाईगर हिल पर किया जब कब्ज़ा दुश्मन ने इतरा के|
पल में दूर खदेडा उसको वो बिखर गया छितरा के|
पैर हमारे नहीं बांधते राखी, कुमकुम, चंदन रोली|
बंदूकों से मने दीवाली और दुश्मन के खून से होली|
अपनी जान की हमें न परवाह, हम ले लें दुश्मन की जान|
भारत की सेना के हम जवान, हिन्दोस्तान की हम हैं शान|
Tuesday, July 1, 2008
हिन्दोस्तान की हम हैं शान
लेखक:- विकास परिहार at 18:46
श्रेणी:- गीत एवं गज़ल
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5 comments:
bhut sundar. bilkul tik. jari rhe.
बिल्कुल सटीक जी,
सही कहाहाँ तो हैं हम
आलोक सिंह "साहिल"
सही देशभक्ति गीत.
रक्त में सुरसुरी सी होने लगी. बेहतरीन.
देश भक्ति का यही जज्बा है जो एम. सी. शर्मा जैसे जाँबाजों को आत्म आहुति का जुनून देता है . ....देश प्रेम को सैल्यूट !
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