1) आम आदमी पर पड़ी मंहगाई की मार|
वो भी एक दम शांत हो सहता अत्याचार|
सहता अत्याचार और अब कोई न चारा|
दो पाटों के बीच में पिसता है बेचारा|
बस हिसाब ही करता रहता छोड़ छाड़ सब काम|
आम आदमी बन गया चूसा हुआ एक आम|
2) लाल रंग ने कर रखा है यू पी ऐ को लाल|
न्यूक डील ने देख लो कैसा किया कमाल|
कैसा किया कमाल की जान गले में अटकी|
कामधाम सब छोड़ यू पी ऐ भी पथ भटकी|
राजनीति ने खा लिए जाने कितने साल|
लाल रंग वाले बने अब गुदड़ी के लाल|
Friday, July 4, 2008
चंदू लाल के छंद
लेखक:-
विकास परिहार
at
14:42
श्रेणी:- चंदू लाल के छंद
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2 comments:
मजा आ गया। महंगाई की मार से कराह रहा था लेकिन आपने हंसा दिया
चटपटा और व्यंग्यात्मक। मजेदार। साधुवाद।
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