Monday, September 24, 2007

ज़रूरी तो नहीं

हों पूरे सभी अरमान ज़रूरी तो नहीं।
हर रिश्ते का हो एक नाम ज़रूरी तो नहीं।
सभी इंसान आदमी हैं इतना तो सही है,
पर हो हर आदमी इंसान ज़रूरी तो नहीं।
यह आस्था है अपनी कि हम पूजते पत्थर को हैं,
पर पत्थर में हो भगवान ज़रूरी तो नहीं।
माना कि हर एक काम की सीमा सुनिश्चित है,
पर सीमा में हो हर काम ज़रूरी तो नहीं।

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© Vikas Parihar | vikas