Monday, September 10, 2007

दमन

कभी इच्छाओं का दमन।
कभी आत्माओं का दमन।
कभी सम्मानों का दमन।
तो कभी भावनाओं का दमन।
कहीं पर दमनित है भविष्य,
तो कहीं मनुष्यों का दमन।
कहीं दमन होता प्रेम का,
तो कहीं स्वयं का दमन।
बस हर जगह दमन, दमन और दमन।

No comments:

© Vikas Parihar | vikas