Saturday, September 22, 2007

आवाहन

हे भारत के वीर चलो।
तुम हर दम तम को चीर चलो।
आज खङा दुश्मन समक्ष,
न खोना अपना धीर चलो।
काँपेगा फ़िर अंधियारा।
पग में होगा जग सारा।
है शक्ति तुम्हारे हाँथों में,
बदलो जग की तस्वीर चलो।
है किसी को बाँधे मोह पाश।
है किसी को जग में मिथ्या आस।
जो रोके तुमको बढने से,
वो तोङ कर हर ज़ंजीर चलो।
इस दुनिया से बैराग हो।
और देशभक्ति की आग हो।
जब आये पल बलिदान का,
ना हो नयनों में नीर चलो।

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© Vikas Parihar | vikas