सात सुरों की सरगम हैं तेरी साँसें।
दो हृदयों का संगम हैं तेरी साँसें।
सजनी का साजन हैं,
इस दिल की धङकन हैं,
मेरा तो जीवन हैं तेरी साँसें।
सीप में मोती हैं तेरी साँसें।
दीपक में ज्योति हैं तेरी साँसें।
वीणा की है तरंग,
जीवन की है उमंग,
हर पल रहती मेरे संग तेरी साँसें।
ज्येष्ठ मास कें ठंडी पवन तेरी साँसें।
सूरज की पहली किरण तेरी साँसें।
अग्नि सी निर्मल हैं,
हिरनी सी चंचल हैं,
मेरे संग हर पल हैं तेरी साँसें।
Wednesday, September 12, 2007
तेरी साँसें
लेखक:- विकास परिहार at 23:10
श्रेणी:- गीत एवं गज़ल
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