Saturday, September 29, 2007

कन्हाई

कैसी विपदा आन पड़ी है।
मुश्किल में जान बड़ी है।
नहीं देता है कुछ भी सुनाई,
अब तुम ही बचाओ कन्हाई।

आकर के दुःखों ने घेरा।
छाया है दिल में अंधेरा।
कुछ भी नहीं देता है दिखाई,
अब तुम ही बचाओ कन्हाई।

कंस को तुमने मारा।
पापियों को तुमने संहारा।
द्रोपदी की लाज बचाई,
अब तुम ही बचाओ कन्हाई।

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© Vikas Parihar | vikas