Friday, October 19, 2007

कर लेंगे

जहाँ हुई है शब हम वहीं पे सहर कर लेंगे।
हम तो बस आपके तसव्वुर मे बसर कर लेंगे।
अगर वो वादा करे हमसे तुम्हे खुश रखने का,
तो उसके नाम हम अपनी सारी उमर कर लेंगे।

1 comment:

अविनाश वाचस्पति said...

इतना अधिक कबाड़ नहीं है
क बाड़ जो लगी है
बाड़ जो लगी है
जिसे थामे
किबाड़ तो नहीं है
खिड़की है
दोस्तों की झिड़की
प्यारी भी है
रामदुलारी है
रामसेवक है
विकास का उदघोषक है
परिहार परिहार्य है

© Vikas Parihar | vikas