Monday, March 17, 2008

वर्गांतरण

एक कॉफी तीस रूपए

अपानी जेब से गए

उसके बाद एक पिज्जा आया

उसके सॉस की नदी में हमने,

पचास का नोट बहाया

इसके बाद हम केफे कॉफी डे

के गेट से सीना तान बाहर निकले,

अपनी गाडी पर चढ़ गए

अन्दर से खुश थे,

मध्यम से उच्च वर्ग के

पथ पर बढ़ गए

2 comments:

परमजीत सिहँ बाली said...

बहुत सही।कम शब्दों में एक भावदर्शन।

Girish Kumar Billore said...

अपनी गाडी पर चढ़ गए
अन्दर से खुश थे,
मध्यम से उच्च वर्ग के
पथ पर बढ़ गए
बात तो ठीक है किन्तु मध्य वर्ग से इतनी घृणा..?
क्यों भाई...?

© Vikas Parihar | vikas